कर्बला के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
ऐतिहासिक शहर जौनपुर में माहे मुहर्रम का चाँद होते ही दो महीने आठ दिन इमाम हुसैन के चाहने वालों को हुसैन का ग़म मनाते और शहादत पे आंसू बहाते देखा जा सकता है | नगर से लेकर गांव तक सभी अजाखानों में प्रत्येक दिन मजलिसों का आयोजन किया जाता है जिसमे सभी धर्म के लोग मिल के कर्बला के शहीदों को याद करते हैं और इंसानियत का पैगाम देने वाले नवासा ऐ रसूल इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं |
इसी सिलसिले में आज रौज़े वाली मस्जिद ,चहारसू में शेख नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी की तरफ से संस्था के प्रबंधक अली मंज़र डेज़ी ने विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी मजलिस का आयोजन किया जिसे इस्लामिक मुआमलात के जानकार ज़ाकिर ऐ अहलेबैत जनाब सय्यद मोहम्मद मासूम ने खिताब किया | उन्होंने कहा इस्लाम धर्म किसी भी धर्म के महात्माओं का अनादर करने के विरुद्ध है | इमाम हुसैन ने हमें सिखाया की दुनिया का हर इंसान एक दूसरे का इंसानियत के रिश्ते से भाई है इसलिए जब मदद करने का समय आये तो भूखे से उसका धर्म पूछे बिना उसको खाना दिया जाता है | इमाम हुसैन की दयालुता और उदारता हमारे लिए आदर्श है क्यूंकि इंसानियत को ज़िंदा रखने के लिए ही कर्बला में इमाम हुसैन ने अपने परिवार की क़ुरबानी दे दी और यही वजह है की आज इमाम हुसैन का नाम हर धर्म के लोग पूरी दनिया में श्रद्धा से लेते हैं |
इस मजलिस में सोज़ खान जनाब बदरूज्जमां बन्ने ने सोज़ पढ़ा और पेस खानी जनाब सैफे एवं नौहाखां नईम हैदर और उसके साथियों ने नौहा और मातम किया और अली मंज़र डेज़ी ने सबका शुक्रिया अदा किय
इस मौके पर अलीऔन, जाफर अब्बास, तालिब रजा एडवोकेट,, शकील अहमद बैंकर्स, वसीम हैदर, नेयाज हैदर, अजहर मास्टर, सैयद मोहम्मद जाफर, सिकंदर इकबाल, अफरोज हुसैनी, तहसीन सभासद,
असलम नक़वी ,तहसीन अब्बास सोनी ,अहसन रिज़वी नजमी ,ए एम् डेज़ी , ,नईम हैदर ,डॉक्टर राहिल, शाहिद, नासिर रजा गुड्डू, काफी संख्या में मोमिनीन मौजूद रहे |