तुम्हारी फाइलों में
गांव का मौसम गुलाबी है
यहां जुम्मन के घर में
आज भी फूटी रक़ाबी है
जौनपुर । बीते माह जुलाई में जनता द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए उच्च कोटि के प्रदर्शन एवं कार्यकुशलता से समस्या समाधान करने के पैमाने पर आए परिणामों में जनपद के थानों का बेहतरीन प्रदर्शन किये जाने का दावा किया गया है।
जुलाई 23 की सूची में
आई जी आर एस प्रणाली के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त थानों में जनपद के 26 थाने प्रथम श्रेणी एवं टाप-10 थानों में 04 थानो ने अपना स्थान बनाया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) के अन्तर्गत बुधवार को माह जुलाई की श्रेणी जारी हुई ।जिसमें जौनपुर के 26 थानों द्वारा प्रदेश के समस्त थानों में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है एवं प्रदेश के टाप-10 थानों में जनपद जौनपुर के 04 थानों को सम्मिलित किया गया है ।जो इनके कार्यकुशलता एवं उच्चकोटि के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता है।
इस सूचना और सूची को देखकर अदम गोंडवी की 4 लाइनें बरबस जेहन में आ गई
तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है
तुम्हारी मेज़ चांदी की तुम्हारे जाम सोने के
यहां जुम्मन के घर में आज भी फूटी रक़ाबी है।
प्रदेश के टाप-10 थानों में सम्मिलित थानों के नाम- 1. खुटहन 2. नेवढ़िया 3. पवारा 4. मड़ियाहूँ
प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त थानों के नाम-
1. सुरेरी 2. नेवढ़िया 3.मड़ियाहूँ 4.बरसठी 5. सरपतहाँ, 6.खेतासराय, 7. खुटहन 8. शाहगंज 9. तेजीबाजार 10. बक्शा 11. सरायख्वाजा 12. सिकरारा 13. सिगरामऊ 14.बदलापुर 15. महराजगंज 16.कोतवाली 17.लाइनबाजार 18.जफराबाद 19. महिला थाना 20. पवारा 21.मुंगराबादशाहपुर 22. मछलीशहर 23. मीरगंज 24. चन्दवक, 25. गौराबादशाहपुर 26. जलालपुर।
जनपद के ग्रामीण ही नहीं शहरी इलाके में भी विवादों की संख्या बढ़ती जा रहे है ।इन्हीं विवादों, अन्याय और प्रताड़ना के विरुद्ध शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा भुक्तभोगी से बेहतर हकीकत कोई दूसरा नहीं बता सकता। अब अगर आईजीआरएस के माध्यम से गुहार लगी हो, तो मामले के हल होने और पीड़ित की संतुष्टि को लेकर कोई बड़ा दावा किया जाना बेमानी है। बस अंतर सिर्फ इतना है,जहां सीधी शिकायत पर टालमटोल कर मामले पेंडिंग का रोके रखा जाता है वही वाया आईजीआरएस आने वाली सारी फरियादों पर आनन-फानन में निस्तारित का टैग लगा दिया जाता है आंकड़ों की कलाबाजी से तमगै हासिल कर लिए जाते हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है आईजीआरएस पर की गई तमाम शिकायतो की निस्तारण की घोषणा के बाद , पीड़ित द्वारा असंतुष्ट होकर उसे अस्वीकार करना और पुनः जांच की मांग करना है।
जुलाई माह के आखिर में एक ही दिन अलग-अलग थाना क्षेत्र में हुई दो हत्याएं ऐसे ही पारिवारिक बंटवारे विवाद के निस्तारण इस मामले में प्री पुलिसिंग की असफलता की कहानी कहता है ।