जौनपुर। सावन में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हरियाली तीज मनाई जाएगी। 19 अगस्त को यह पर्व मनेगी। इस दिन मंदिरों में भगवान बांके बिहारीलाल जी को झूला झुलाया जाएगा तो कहीं फूलों का श्रृंगार किया जाएगा। हरियाली तीज को मधुश्रवा तृतीया या छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हरियाली तीज पर सुबह से लेकर रात 09:19 तक सिद्ध योग रहेगा। इसके बाद साध्य योग बनेगा, जो कि अगले दिन सुबह तक रहेगा। वहीं रवि योग देर रात एक बजकर 47 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 20 अगस्त को सुबह 5:53 पर खत्म होगा। इसके अलावा इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है, जो सुबह से लेकर देर रात 01:47 तक है।
शिव-गौरी की पूजा अर्चना-
महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए हरे रंग की साड़ी, हरी चूडिय़ां आदि पहनकर शिव-गौरी की पूजा अर्चना करेंगी। इस बार की हरियाली तीज को बहुत खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में यह व्रत रख कर पूजा करने से दोगुने पुण्य फल की प्राप्ति होगी।
मंदिरों में तैयारियां –
हरियाली तीज को लेकर मंदिरों में भी तैयारियां शुरू हो गई है। श्री बांके बिहारीलाल जी मंदिर में हरियाली तीज से श्री बांके बिहारी लाल जी संग प्रियाजू राधारानी झूला में विराजमान होंगे। इसे झूला तीज भी कहा जाता है। मंदिर में रात्रि आठ बजे हरियाली तीज उत्सव मनाया जाएगा। राधा रानी को मेंहदी लगाई जाएगी। सुहाग सामग्री चढ़ाई जाएगी। यही सामग्री महिलाओं में प्रसादी रूप में बांटी जाएगी। इसके साथ ही श्री मंदिर में भी विशेष रूप से आयोजन किए जाएंगे।
– ऐसे करें पूजन :
हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद नए वस्त्र पहनें।
इस दिन सोलह श्रृंगार जरूर करें और पूरे दिन व्रत रहें।
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें।
फिर इस चौकी में भगवान की मूर्तियां स्थापित करें और भगवान को नए वस्त्र पहनाएं।
इसके बाद माता पार्वती को सोलह श्रृंगार से जुड़े सभी सामान, साड़ी और चुनरी अर्पित करें।
पूजा के दौरान तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद आरती करें।