नई दिल्ली। दुनिया में सबसे ज्यादा वक्त तक सरकार में बने रहने वाले नेताओं में से एक हुन सेन ने बुधवार को कहा कि वह त्यागपत्र देकर सत्ता अपने बड़े बेटे को देंगे। लगभग चार दशकों तक चला उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है। हुन सेन ने साफ किया है कि वह प्रधानमंत्री पद छोड़ेंगे लेकिन इससे उनका दखल खत्म नहीं होगा। 1985 में सत्ता में आने के बाद हुन सेन अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी फिर चाहे वह विपक्षी दलों पर प्रतिबंध रहा हो या फिर विरोधियों को भागने पर मजबूर करना, उन्होने बोलने की आजादी को खत्म कर दिया। उनके दल कंबोडियन पीपल्स पार्टी (सीपीपी) ने रविवार को चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की लेकिन सामने कोई विपक्ष था ही नहीं। 82 फीसदी वोट के साथ पार्टी फिर सत्ता में होगी और नेता का पद हुन सेन के बड़े बेटे की झोली में होगा।